फिशर (Fissure) के इलाज के कुछ गैर-सर्जिकल तरीके

गूदा की बाहरी माँसपेशियाँ जब कट जाती है या ज़ख़्मी हो जाती है तो इनमें दर्द और ऐंठन  होता है| इसी दरार को फिशर कहते है| जब किसी को मल त्यागने में परेशानी हो या गुदा द्वार पर तकलीफ हो तो आपको फिशर होने की सम्भावना बहुत अधिक हो जाती है| गुदा  में दरार  (फिशर )किसी भी उम्र में किसी में भी हो सकता है। जिन लोगों को अतीत में दरारें (फिशर ) पड़ी हैं, वे भविष्य में उनके दुबारा फिशर होने की अधिक संभावना रखते हैं।

फिशर के कुछ मुख्य कारण

फिशर के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है:

  • अगर किसी को ज़्यादा टाइम से कब्ज की समस्या है| मल त्याग करने के लिए तनाव महसूस करना, खासकर अगर मल कठोर या सूखा है |
  • किसी की गुदा में सूजन होना 
  • गुदा द्वार में ज़ख्म या खरोच 
  • बहुत से लोगों को ये बीमारी जन्म से ही होती है
  • लंबे समय तक दस्त होना 
  • गुदा मैथुन (anal sex) करना 
  • गुदा में किसी प्रकार की वस्तुओं को डालने से ज़ख़्मी होना
  • गर्भावस्था के कारण
  • एनल कैंसर के कारण
  • एचआईवी, ट्यूबरक्लोसिस, या सिफलिस रोग के कारण

फिशर का जल्दी पता लगाना इसके उपचार में अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है। यह आवश्यक है कि आप फिशर के लक्षणों से अवगत हों। फिशर के लक्षण  कुछ इस प्रकार है :-मल त्यागते वक़्त या उसके बाद दर्द महसूस करना  कब्ज की शिकायत, मल के दौरान रक्त दिखना , गुदा क्षेत्र में जलन या खुजली, गुदा क्षेत्र में दर्द या दिखाई देने वाला कट, पेशाब करते समय कठिनाई होना शामिल है। यदि आप उपरोक्त में से कोई भी फिशर के लक्षण देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

फिशर के कुछ उपचार:

इस रोग के कई प्रकार के उपचार मौजूद है जिसमें से कुछ खान पान का बदलाव, दवाइयों के ज़रिये इलाज और सर्जरी मौजूद है | फिशर के अलोपथी (allopathy) , होमियोपैथी (homeopathy) और आयुर्वेदिक (Ayurvedic) इलाज भी शामिल हैं | फिशर का इलाज उसकी स्थिति और उसके प्रकार के हिसाब से ही करा जाता है| ये मरीज़ की इच्छा पर भी निर्भर करता है की वो किस प्रकार का इलाज करवाना पसंद करता है| लेकिन जब फिशर की स्थिति ज़्यादा बिगड़ जाती है तो इसका एक मात्र इलाज आपरेशन ही बचता है| अगर इसका शुरुवाती दौर में ही पता लग जाता है तो इसका इलाज थोड़ी दवाई और कुछ खान पान में बदलाव के द्वारा  हो जाता है| मरीज़ को फिशर के किसी भी प्रकार को हलके में लेने की ज़रूरत नहीं है क्यों की यह आगे चल कर उसकी सेहत पर बहुत ज़्यादा बुरा प्रभाव डाल सकता है|

सर्जरी के बिना फिशर के कुछ उपचार के तरीके

सर्जरी के बिना फिशर के कुछ उपचार के तरीके इस प्रकार है:

  • मलहम (Ointments): पूरी तरह से जांच के बाद, आपका डॉक्टर आपको स्थानीय मलहम और जेली लिख सकता है। इन्हें बताये हुए तारीखें से लगाना चाहिए| ये दर्द, सूजन और तकलीफ को कम करने में मदद करेंगे। जैसे नाइट्रो ग्लिसरीन |
  • सिट्ज़ बाथ (Sitz bath): “सिट्ज बाथ एक जरूरी है और इसे आपके डॉक्टर द्वारा सलाह के अनुसार लिया जाना चाहिए”। यह दर्द से राहत देता है और ज़ख्म को तेज़ी से भरने मैं मदद करता है | इसको करने के लिए आप एक टब को गर्म पानी से भरें। यह सुनिश्चित करने के लिए पानी में एक उंगली डुबोएं कि पानी ज्यादा गर्म तो नहीं है । अब अपने आप को धीरे से टब में करें और मलाशय क्षेत्र यानी निचला हिस्सा को भिगो दें। इस स्थिति में लगभग 5-10 मिनट तक बैठें। इसे दिन में दो से तीन बार दोहराएं। यह आपको गुदा को साफ करने, रक्त प्रवाह में सुधार करने और एनल स्फिंक्टर्स (Anal sphincters)  को आराम देने में मदद करेगा।
  • होम्योपैथिक इलाज (Homeopathy treatment): फिशर के लिए होम्योपैथिक दवाओं का भी प्रयोग किया जाता है| कुछ दवाइया जो उपचार मैं इस्तेमाल की जाती है वह है ग्रेफाइट्स, रतनहिया, नाइट्रिक एसिड, पैयोनिया, आदि शामिल हैं। इन्हें लेने से पहले आपको होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वह ही आपको इनकी सही मात्रा और सही सेवन का तरीका बता सकते है |
  • आहार प्रबंधन (Diet Management) : फिशर के इलाज के लिए आहार प्रबंधन महत्वपूर्ण है। फाइबर युक्त स्वस्थ आहार लें क्योंकि यह न केवल मल त्याग को बढ़ाने में मदद करता है बल्कि वजन प्रबंधन के लिए भी अच्छा है। कब्ज, फिशर का मूल कारण होने के कारण, फाइबर युक्त आहार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कब्ज से राहत प्रदान करता है। इस प्रकार अधिक फल, हरी सब्जियां, अनाज, साबुत अनाज आदि खाएं। तैलीय खाद्य पदार्थ, बेकरी उत्पाद, बर्गर, फ्राइज़ जैसे फास्ट फूड से बचना आवश्यक है। इसके अलावा शराब और कैफीन( Caffeine) के सेवन से बचें। खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी है। कब्ज से बचने के लिए दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं

अतं मै

फिशर (Fissure) से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि आप खुद को फिशर के लक्षण के साथ शिक्षित करें। स्थिति का शीघ्र पता लगाना इसके उपचार के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। याद रखें कि स्थिति वापस आ सकती है और इस प्रकार एक स्वस्थ जीवन शैली, अच्छी आहार योजना और उचित स्वच्छता का अभ्यास करना आवश्यक है। अच्छी और स्वस्थ प्रथाओं के बारे में सर्वोत्तम सलाह पाने के लिए किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।